
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर को एक बड़ी तकनीकी सौगात दी। 72.78 करोड़ की लागत से तैयार उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Forensic Science Laboratory – FSL) का लोकार्पण कर उन्होंने साफ संदेश दे दिया— “अब अपराधियों के दिन पूरे… टेक्नोलॉजी बर्बाद नहीं जाएगी।”
छह मंजिला हाई-टेक फोरेंसिक हब—अब ‘B’ से ‘A’ कैटेगरी
पुरानी लैब को अपग्रेड कर 6 मंजिला Ultra-Modern Forensic Lab में बदला गया है। इसके साथ गोरखपुर क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला अब बी श्रेणी से ए श्रेणी में अपग्रेड हो चुकी है। मतलब—अब जांच रिपोर्ट “कब आएगी?” वाला सवाल कम और “इतनी जल्दी कैसे आ गई?” वाला ज़्यादा सुना जाएगा।
यहां क्या-क्या होगा?—Tech Lovers के लिए Crime का Netflix!
नई लैब में मिलने वाली सुविधाएं इसे उत्तर प्रदेश का तकनीकी पॉवरहाउस बनाती हैं, लैपटॉप, मोबाइल, CCTV और डाटा स्टोरेज की Deep रिकवरी वॉइस फोरेंसिक एक्सपर्ट विश्लेषण। हथियारों और विस्फोटक पदार्थों की मॉडर्न जांच। डिजिटल एविडेंस एनालिसिस। हाई-टेक क्राइम मैपिंग और रिपोर्टिंग ये सब मिलकर अपराधियों के लिए साफ मैसेज देते हैं-“Delete करने से Evidence नहीं मिटता भाई… Lab में सब मिल जाता है।”
राजकीय निर्माण निगम ने किया निर्माण
(और इस बार समय पर!) पूरी परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने किया है— और इस बार काम समय पर, गुणवत्ता के साथ और बिना एक्स्ट्रा मसाला पूरा हुआ।
योगी सरकार का बड़ा लक्ष्य—Tech आधारित Policing
सीएम योगी पहले ही कई आधुनिक कदम बैक-टू-बैक लॉन्च कर चुके हैं:

- AI आधारित सर्विलांस
- हाई-टेक कंट्रोल रूम
- Women Safety Command Centres
- Modern Policing Vehicles
अब यह अपग्रेडेड FSL इस मिशन को और मजबूती देगा।
Purvanchal का Forensic Powerhouse
नई लैब सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि अपराध जांच, डिजिटल फोरेंसिक और मॉडर्न पुलिसिंग का बड़ा केंद्र बनने जा रही है। इससे न सिर्फ जांच की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि क्राइम कंट्रोल में भी बड़ा फर्क आएगा। यानी अपराधी अब सोचेंगे— “गोरखपुर में गलती करने से अच्छा है कहीं और चले जाओ…”
बिहार चुनाव “विजय के अगले दिन कार्रवाई! BJP का सस्पेंशन स्टॉर्म!”
